


उज्जैन, महाकाल मंदिर में होली का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। पंडे पुजारियों ने बाबा महाकाल के साथ गर्भगृह में होली खेली। पिछले साल हुए अग्निकांड के कारण भक्तों को होली खेलने की अनुमति नहीं थी। यह उत्सव भस्मारती के दौरान सुबह चार बजे हुआ। हजारों भक्तों ने इस खास मौके पर भक्तिभाव से भाग लिया।
सदियों पुरानी है परंपरा
महाकाल मंदिर में होली मनाने की परंपरा सदियों पुरानी है। मान्यता है कि यहां से ही देशभर में होली का त्यौहार शुरू होता है। इसलिए देश के कोने-कोने से लोग उज्जैन में होली का उत्सव देखने आते हैं। इस साल भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल मंदिर में होली के साक्षी बने।
विशेष रूप से करा श्रंगार
भस्मारती में बाबा महाकाल का श्रृंगार विशेष रूप से किया गया था। उन्हें रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया था। मंदिर का गर्भगृह भी फूलों और रंगों से सजा हुआ था। पूरा माहौल भक्तिमय और रंगीन था। भक्तों ने भजन-कीर्तन और होली के गीत गाकर माहौल को और भी उत्सवमय बना दिया।